सपने देखना आसान होता है : हिंदी कविता
सपने देखना आसान होता है. जो चाहें वही होता है सपने में. न हुआ, तो जग जाईये, पी ...
4 Years Ago
पल भर का ग्रहण : : हिंदी कविता
तुम्हें जिस दिन अपनी गलियों से गुज़रते देखा था, मेरा दहकता धर्म गंगोत्री क...
13 Years Ago
स्ट्रगल फॉर एग्जिस्टेन्स : हिंदी कविता
(Struggle for Existence **) हथेलियों का अपमान मेरे गालों पर अब नहीं जड़ता, न हीं अवसादों का ...
13 Years Ago
तुमसे हीं : हिंदी कविता
तुमसे हीं अपने जीवन के उन क्षणों में मैं अदृश्य ही रही, अनावश्यक, अकारथ , बेजा ...
14 Years Ago
मल्हार : हिंदी कविता
मल्हार अचानक किसी बसंती सुबह तुम गरज बरस मुझे खींच लेते हो अंगना में . मैं तु...
15 Years Ago