Shri krishna sharma

Shri Krishna Sharma's Samaysakshi

I write to express myself, the poems, songs, artists I like
and the places I visit - all those inspire me to write. I
love Raj Kapur, Mukesh and like many many poets.

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  • Updated 4 Months Ago

53. पहाड़ों के क़दों की खाइयां हैं!

Updated 5 Years Ago

53. पहाड़ों के क़दों की खाइयां हैं!
आज फिर से, लीजिए प्रस्तुत है एक और पुराना ब्लॉग| आज दुष्यंत कुमार जी का एक शेर याद आ रहा है- पहाडों के क़दों की खाइयां हैं बुलंदी पर बहुत नीचाइयां हैं। यह शेर दुष्यंत जी की एक गज़ल से है, जो आपातकाल …
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