हुनर कैसे कैसे
फनकार करते हैं अब बसर जैसे तैसे फ़ना हो चुके हैं हुनर कैसे कैसे मयकशी, रंजोग...
12 Years Ago
म्याने बस
दिखावे ही को है म्याने बस, तलवार नही है, कुछ एक है भी तो उनमे भी धार नही है, चाक-...
12 Years Ago
थाम लिया होता
जो गिरने से पहले ही मुझे थाम लिया होता. मैने भी कहाँ अब तक तेरा नाम लिया होता, ...
13 Years Ago
गरचे जिगर ना हो
मफलिसो, यतीमों पे जिसकी नज़र ना हो वो अधूरा दौलतमंद है जिसमे सबर ना हो, दौलत ...
13 Years Ago
शाम ढलते ढलते
कल फिर सहर मे होगी, मुलाकात चलते चलते सूरज कह गया था ये, शाम ढलते ढलते पलकों ...
13 Years Ago
आम आदमी
बना, बिगड़ा, गिरा, संभला, उठा, बैठा, बहा, बहका कभी रोया, कभी चहका, कभी खोया कभी मह...
13 Years Ago