मैं पागल अल्हड़ मस्ताना
मैं पागल अल्हड़ मस्ताना अपनी ही धुन का दीवाना दुनिया की मुझको सुध नही गाता हू...
4 Years Ago
तुम्हारी मोहब्बत अज़ान है -1
मेरे द्वारा लिखी गयी एक बहुत ही लंबी कविता है जिसके कई भाग हैं एक एक कर प्रकाश...
4 Years Ago
वो मंज़िल कैसी मंज़िल जिसपे मेरा नाम नही
रास्ते हैं पर अनजान नही मुश्किलें हैं पर आसान नही वो मंज़िल कैसी मंज़िल जिसपे ...
5 Years Ago
अधूरा
जितनी तेज़ हो सका उतनी तेज़ गाडी चला कर आया हूँ यहाँ , पर कहाँ मैं नहीं जानता मुझ...
6 Years Ago
#120
तेरी तस्वीर जो दिल से लगी थी उसको सहलाना छोड़ दिया जो मैंने दिल लगाना छोड़ दिया ...
6 Years Ago
#119
मुन्तज़िर* हूँ की ये रात निकल जाएगी अकेले रो लूँ तो दिल की बात निकल जाएगी ए दोस...
6 Years Ago