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Hind-Yugm's Hind-yugm

Antrajaal par Hindi k lie kaam karne waalon ka samooh

  • Rated2.4/ 5
  • Updated 9 Years Ago

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गति-मति
क्यूँ बांधते हो अपने को.… अपनों को। बंधन के तीन  कारण भाव, स्वभाव और अभाव और ...
9 Years Ago
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आओ अपनी-अपनी क़िस्मत बदलते हैं...
आओ अपनी-अपनी क़िस्मत बदलते हैं.. अपना गुज़रा हुआ कल अभी ज़्यादा पीछे नहीं ...
9 Years Ago
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जहां मैं गूंजता हूं
दीवारें हैं.. खामोशी हैं... सन्नाटा है.... ...और कुछ साए एक समन्दर-सा है, वक़्...
11 Years Ago
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सपने उम्मीद से ...
मौसम बदल रहा है कहीं बादल फट रहे हैं कहीं ज़मीं खिसक रही है कहीं जलजला...तो ...
11 Years Ago
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ग़लत है न?
अच्छी हो या बुरी ? सही हो या ग़लत ? ज़िन्दगी कैसी भी हो ? हिसाब ग़लत है दो अधू...
11 Years Ago
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लिखना बाकी है
शब्दों के नर्तन से शापित अंतर्मन शिथिलाया लिखने को तो बहुत लिखा पर कुछ लिखना...
12 Years Ago
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