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Laxmi N. Gupta's Kavyakala

Primarily my poems and prose pieces

  • Rated2.4/ 5
  • Updated 3 Months Ago

जा के पैर न फटी बेंवाई

Updated 5 Years Ago

दर्द दिल को संकीर्ण बना देता है स्वकेन्द्रित कर देता है बस अपना दुख दिखाई देता है दूसरे की कराह सुनाई ...
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