अजब का आदमी साहब मेरे हिन्दोस्तां का है...
कई दिनों बाद कल रात कुछ लिखने की इच्छा हुई....पर बमुश्किल ये 6 शे'र कह पाया. किसी ...
15 Years Ago
सेल्स की नौकरी...
स्वाभिमान की बत्ती बना कर, पैंट की जेब में रक्खी है, मर्दानगी को बचाये रखने का...
15 Years Ago
उसका तेवर देख लिया है...
उसका तेवर देख लिया है, मैंने पत्थर देख लिया है, अपनी हिम्मत भी देखी थी, उसका भ...
15 Years Ago
तीन अकविताएँ...
आदमी: बेचारा पुरुष, जन्मजात लंपट, जोंक साला, पेट से ही चूसना सीख के आता है! क्य...
15 Years Ago
मॆरॆ यक़ीन का अब और इम्तहाँ क्या है...
मॆरॆ यक़ीन का अब और इम्तहाँ क्या है, रगॊं मॆं खून नहीं है तॊ फिर रवाँ क्या है, त...
15 Years Ago
हैं कागज़ों के मकाँ आतिशों की बस्ती में...
ज़मीर कहता है गुरबों के तरफ़दार बनो, तजुर्बा कहता है छोड़ो भी समझदार बनो, चल...
16 Years Ago