S

Sudhir Pandey's Jeevan Ke Padchinha

poems, poetry by nri, story of life

  • Rated2.8/ 5
  • Updated 14 Years Ago

Recent blog posts from Jeevan Ke Padchinha


ज़िन्दगी दो अल्फाजों में सिमट आती है
ज़िन्दगी दो अल्फाजों में सिमट आती है
ज़िन्दगी दो अल्फाजों में सिमट आती है आह तेरे नाम से  जब भी निकल आती है दौर-ए-...
14 Years Ago
BlogAdda
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ
दीपावली के तमस-भंजक दीपों की ज्योत्सना हर जीवन को हर्षोल्लास की आभा से जगम...
14 Years Ago
BlogAdda
ज़माना है
ज़माना है
मेरे हालात पर क्यों हँसता ज़माना है मेरा कातिल मेरा मुनसिब ज़माना हैं हर गम-औ-...
14 Years Ago
BlogAdda
कभी तो मिलो मेरे ख्यालातों के मोड़ पर
कभी तो मिलो मेरे ख्यालातों के मोड़ पर
हुआ अरसा, कभी तो मिलो   मेरे ख्यालातों के मोड़ पर, देखूँ, हैं कितना बदला तसब्ब...
14 Years Ago
BlogAdda
कुछ तो असर आहों में है
कुछ तो असर आहों में है
मित्रों,  एक लम्बे  अंतराल के बाद आप सब से मुखातिब हूँ. इस बीच कुछ समय के लिए ज...
14 Years Ago
BlogAdda
तुम्हारा नाम
तुम्हारा नाम
बड़े छोटे से लगे दर्द अपने जब चंद पन्नो पर सिमट आये कविता बनकर.... तेरी लटों मे...
14 Years Ago
BlogAdda