गुलमोहर
जब बरसती है अम्बर से आग तो कुदरत भी लाल फूल ही खिलाती है। ...
6 Years Ago
फिर खिले पलाश
दहक उठी है पेड़ों पर आग खिल गए फिर से पलाश फिर से आसमां सिंदूरी हो गया ...
6 Years Ago
जादुई बारिश
नज़र नही आती बूंदें कभी कभी बारिश की फोटो में कभी कभी गुम हो जाता है बरसता पान...
7 Years Ago
मन भयमुक्त हो जहां
मन भयमुक्त हो जहां और मस्तक ऊंचा ज्ञान जहां मुक्त हो; और जहां दुनिया को संकी...
7 Years Ago
झूठ का स्वर्णकाल
1949 में लिखी गयी जॉर्ज ऑरवेल की किताब नाइन्टीन एटी फोर सुव्यवस्थित तरीके ...
7 Years Ago