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Shiv Kumar Sahil's Sahil Or Shayari

About my feelings which reflect through my Gazals & Poems.

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मन ( MY Inner Man)

Updated 6 Years Ago

मन   ( MY Inner Man)
मेरी कल्पनाओँ  से भी  आगे जाकर  घर है तेरा  मैं तुझ तक कैसे पहंचु  बता मेरे मन  सदियाँ , मिलो चलने का सफर  सदियाँ , तनहा गुज़रती राते...
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