इन आँखों में बारिश कौन भरता है ..
बेतरतीब मैं (३१.८.१७ ) ` कुछ पंक्तियाँ उधार है मौसम की मुझपर , इस बरस पह...
7 Years Ago
प्रेम करती हूँ तुमसे
यमुना किनारे उस रात मेरे हाँथ की लकीरों में एक स्वप्न दबाया था ना उस क्...
7 Years Ago
बेटी बचाओ
स्वतंत्र अणु मुक्त जग में रहा विचरता नभ से थल तक अपरिमित शक्ति ...
7 Years Ago
जो भी है खूबसूरत है
जो भी है खूबसूरत है पीली पत्तियों ने हरी कोंपलों को स्थान दिया है ,इस तरह पु...
7 Years Ago
कहानियों की तलाश
यूँही एक लिंक से दुसरे लिंक घूमते हुए कुछ पुरानी कहानियों में पहुँच गई , शि...
8 Years Ago