पलाश के फूल
पतझड़ बसंत के मौसम में, आसाँ नहीं पलाश फूल होना. पल में आस्मां का सितारा, पल मे...
6 Years Ago
अहम्
मर गया तो मै नहीं, फ़िर मै का अस्तित्व क्या, तस्वीरों की गुफ़्तगू से बस दीवारे...
6 Years Ago
नया साल?
बरसों से साल की शुरुवात एक कविता लिख कर करती हूँ. पिछले नए साल पर ये लिखा था, प...
6 Years Ago
स्वतंत्रता दिवस -एक लघु कथा
दीपू आज बहुत खुश था .इतना खुश कि ख़ुशी के मारे पूरी रात आँखों ही आँखों में काट...
7 Years Ago
माँ
कभी सोचा है माँ के काँधे कितने दुखते होंगे, नित नयी जिम्मेदारियों के तले और ...
7 Years Ago
गुज़रा साल और तुम
तेरे आज और कल के दरमियान,
एक सदी गुज़र गयी एक साल मे....
7 Years Ago