शिव की दश मुद्रा
लिंग योनि वर अभय मुण्ड कापालिक त्रिशूल मृगी अक्षमाला डम्मरू ...
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शिवरात्रि
शिव का पार्थिव इसी दिन दिखता है शिव शक्ति एक साथ । हम पार्थिवों को शिव तत्व के...
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काल
काल के मुख्यतः दो अर्थ है समय और मृत्यु समय में हम एकरेखीय हैं एकमुखी हैं सद...
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न्यास क्या क्यों और कैसे
हम किसी भी समय एक आलंब के सहारे होते हैं प्रत्यक्षण यह आलंब हमें पता नहीं हो...
3 Years Ago
सम्पुट
सम्पुट दोनों हथेलियों को जोड़ने से बनती मुद्रा है । वाम दक्षिण दोनों को सम म...
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yoga
दक्षिण यम की दिशा मानी जाती है। पूर्वज पुरखों की दिशा होती है। मृत्यु की दि...
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