शास्त्रार्थ
हरिस्ते शान्तत्वं भवत जन कल्याण इति वै समस्त ब्रह्माण्ड ज्ञनद वद श्रेयं ...
12 Years Ago
मृत्योर्मा अमृतं गमय - ४
जो झूठ और असत्य से, छल और कपट से परे रहते हो| जिनका जीवन अपने आप में सात्विक हो, ...
13 Years Ago
मृत्योर्मा अमृतं गमय - ३
जैसा कि मैंने अभी आपके सामने स्पष्ट किया कि हम मृत्योर्मा अमृतं गमय साधना स...
13 Years Ago
मृत्योर्मा अमृतं गमय - २
क्या हम इस स्थिति को अपने-आप से टाल सकते हैं| यह तो अपने आप में पेचीदा और बहुत द...
13 Years Ago
मृत्योर्मा अमृतं गमय - १
आज का यह प्रवचन अपने आप में अत्यंत महत्वपूर्ण है, महत्वपूर्ण इसलिए कि संसार...
13 Years Ago
पापांकुशा साधना
यावत् जीवेत सुखं जीवेत | सर्वं पापं विनश्यति || प्रत्येक जीव विभिन्न योनियो...
13 Years Ago