शाम उतर रही थी, मैं सोफ़े पे लेटा अपने सफ़र की थकान उतार रहा था… हाँ, उसी शाम उसका… फ़ोन तो आया था, कि घर आएगी वो… कहीं बाहर मिलने का भी… प्लान बना था लेकिन – घर के दरवाज़े आज भी… मेरी तरफ़ देखते हैं, पूछते हैं मुझसे… चौखट के इस पार… और चौखट … Continue reading "मानूस हर्फ़"
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