वो आईने वाली लड़की
वो आईने वाली लड़की पहले जब मिलती थी वो आईने में तो चेहरे पे एक चमक होती थी सपन...
1 Year Ago
क्यों आती नही अब चिट्ठियां
कभी हंसाती थी खूब तो कभी रुला देती थी “ छुटियों में मिलने आऊँगी ” लिख ...
1 Year Ago
WHO AM I ?
WHO AM I ? I am An amalgamation Of other people’s Opinions Expectations And definitions Nothing of me Is original any more ......
1 Year Ago
नये दौर के रिश्ते
हाँ हम नये दौर के रिश्ते हैं मिलते नहीं अपनों से ज़्यादा दूर दूर ही रहते हैं ...
1 Year Ago
रिश्ते
कुछ हंसाते हैं खूब तो कुछ ज़ख्म दे जाते रिश्ते कुछ में भरा है प्यार तो कुछ सिर...
2 Years Ago
चल सखी..
चल सखी आज फिर से बारिश में नहाएँ छोड़ ज़माने के सब ताम झाम बचपन में लौट जाएँ च...
2 Years Ago