It is an assorted collection of ideas relating to philosphy,
religion, spiritualism, morality and human behaviour as
studied and understood by seers and men of wisdom of the
past.
संस्कृत साहित्य के सुप्रसिद्ध ग्रंथ “शतकत्रयम्” के रचयिता भर्तृहरि के बारे में दो-चार शब्द इसी चिटठे में मैंने पहले कभी लिखे हैं । (देखें 25 जनवरी 2009 की प्रविष्टि ।) उक्त ग्रंथ का एक खंड है नीतिश…