मक्खियों के तरह दिल के अरमां भिनभिनायें जो भी देख लें मिठाई उस ओर बढ़ जायें बंदरों की तरह डाल डाल छलांग लगाये पकड़े टहनियां जिंदगी के गीत गायें अरमां अरमां दिल के अरमां बना दें जमीन को आसमां अरमां-अरमां दिल के अरमां प्यारा-प्यारा कर दें समां कभी इसको पाने का, कभी उसको पाने काRead More
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