Hindi Poems, Hindi Poetry, Hindi Kavita, Poem By Rajkumar Yadav ## मैं सोचता हूं ठंडी ठंडी बहती हवा और पेड़ों की नरम छाया में तुम होती तो कितना अच्छा होता हवा के झोंके तुम्हारे जुल्फों को बिखेर जाते और मैं अपनी उँगुलियों से उसे सुलझाता पमछी सुरमय माहौल बनाते और तेरी मेरी धड़कनें शोर करतीRead More
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