एक अनजाना प्यार न जाने कब से पल रहा है मेरी आँखों में, तुम हो भी पास मेरे और नहीं भी हो तुम सपनों में रोज तुम बतियाने को फैसला करता हूं मेरी ख्वाहिशें सिर्फ सिमटी रह जाती है मेरे अधूरे सपनों में शायद तुम्हे अंदाजा नहीं हो मगर दिल मेरा धड़कता है तेरे नामRead More
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