वो बेवफा है
बैठे हैं सागर के किनारे ,लटके इंतज़ार में .
लूट गया मैं तो यारों ,उसे बेवफा के प्यार में ..
ऐ चलती हुई पुरवाई ये पैगाम तो ला दे .
कैसी है मेरे जानम ,आके हमको तो बता दे ..
बेवफा
फूलों की जगह हम काँटों पे सोया करते हैं .
तू खुश रहे मेरी जान यही सबसे दुवा करते हैं ..
ओ बेवफा देख ले तू भी आके .
धूम - धाम से उठी है मैयत तेरे यार की ..
इन कोमल अदाओं में ,छिपे हैं कितने नज़ारे .
पलट कर देख जानेमन हम भी तो हैं तुम्हारे ..
झुककर मेरी झुककर मेरी हैं सलाम किया .
फिर तूने हमें क्यों बदनाम किया ..
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