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Ashutosh Dubey's Hindi Sahitya

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  • Updated 1 Year Ago

दिल का हर सपना टूटता चला गया

Updated 6 Years Ago

दिल का हर सपना टूटता चला गया
दिल का हर सपना टूटता चला गया मुझे तडपाकर वों गैरों से प्यार कर रही है . मेरी महबूबा मेरे मरने का इंतज़ार कर रही है .. ये शायरी नहीं तेरी बेवफाई का नजराना है . अब तो कब्र ही मेरी मंजिल और कब्र ही मेरा ठिकाना है .. अब तो दम भी निकलेगा तो तेरा नाम लेकर . क्या मिला तुझे जालिम मुझे गमे जख्म देकर .. तुमसे खाकर धोखा जिंदगी बन गयी रेगिस्तान . इक दिन अपना जीवन कर जायेंगे तेरे नाम .. तुम मुझे भुला सकती हो मैं न तुम्हे भुला पाऊंगा . तेरी याद को सीने में लिए दुनिया से चला जाऊँगा .. मेरे अपने ही मेरी चाहत के दुश्मन हो गए . मेरा चैन उड़ाकर खुद गहरी नींद सो गए . लोग तुझे देखते नहीं तेरी करते नुमाइश हैं . चाहत की जंग में आज मेरी आजमाईश है .. थोड़ा मुस्कराकर थोड़ा करके इशारा . तुम बड़े खुश हो मुझे करके बेसहारा ..
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