Gorakhnath | गोरखनाथ का प्रिय मंत्र ''जंजीरा, मनुष्य ने अपने स्वार्थ के लिए नाना प्रकार की सिद्धियाँ की एवं उस पर विजय प्राप्त करने के बाद स्वार्थ-परमार्थ दोनों कार्य भी किए। किसी ने भैरव को, किसी ने दुर्गा को, किसी ने हनुमान जी को इस प्रकार सभी ने अपने-अपने हिसाब से देवताओं की आराधना कर सिद्ध किया और अपने कार्य को किया।
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