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Ajanta Sharma's Ajantasharma

A blog of hindi Poetry by Ajanta Sharma

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  • Updated 4 Years Ago

दूरियां

Updated 15 Years Ago

दूरियां मैं चली जाऊँ तो निराश मत होना. जीना ही तो है! एक सीधा-सा प्रश्न एक अटपटा-सा उत्तर. अपने अगले पलों में छिपाकर रखूँगी मैं तुम्हें और ...
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