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Ajanta Sharma's Ajantasharma

A blog of hindi Poetry by Ajanta Sharma

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मल्हार : हिंदी कविता

Updated 15 Years Ago

मल्हार : हिंदी कविता
मल्हार अचानक किसी बसंती सुबह तुम गरज बरस मुझे खींच लेते हो अंगना में . मैं तुममें नहा लेने को आतुर बाहें पसारे ढलक जाती हूँ . मेरा रोम रोम...
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