स्मित मधुर कान्ह्याचे पाहून द्रवे त्रिभुवन
उन पावसाचा खेळ विह॑गम दॄष्याचा नजारा मोर नाचतो रे दुर बनांत फुलवुन पिसारा...
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चल
पुढे वाट काळोखी चल ओंजळीत उजेड घेऊन जाऊ नसुदे निवारा कुठे चल चांदण्य...
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क्या तुम वहीँ हो, या फिर कोई और?
यह धरती यह सूरज यह चाँद यह सितारे यह हवा यह पानी यह रोशनी यह चांदनी वह कौन ह...
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क्या वहीँ मैं हूँ या फिर कोई और ?
यह धरती यह सूरज यह चाँद यह सितारे यह हवा यह पानी यह रोशनी यह चांदनी वह कौन ह...
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दिलजलों को मुहब्बत रास नहीं होती
तस्वीर तिरी फ़ना, दिल से नहीं होती I तसव्वुर से रुख़्सत, तुम क्यों नहीं होती I बड़...
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फलक से उतरी है तारों की महफ़िल
फलक से उतरी है तारों की महफ़िल झील में जले है ज्यू चिराग़ तुम देखो I यह नज़ारा मु...
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