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Amit G Mohod's Ugich Kahitari.. Mazya Kavita..

Its is unique.. as just everyone's is... its a platform for
me to jot it down what I feel...

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  • Updated 2 Years Ago

ह्या कशाला चांदण्या रे...

Updated 6 Years Ago

ह्या कशाला चांदण्या रे, केसांत माझ्या माळल्या?? अन रातवेड्या रातराण्या, बघ माझ्यावर भाळल्या... बघ मीही कितीक राती, धुंदीत जागून जाळल्...
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