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Ankur Rastogi's Gubaar-e-dil

An expression of my creativity........

  • Rated2.2/ 5
  • Updated 12 Years Ago

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गुबार ए दिल
उनसे राहत-ए-नज़र का रिश्ता है. यह ना समझो जिगर का रिश्ता है. रात कटती सनम क...
12 Years Ago
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गुबार ए दिल
गुबार ए दिल
कुछ बुरी आदत का वो है शिकार, क्या करें. हम भी हैं उन आदतों में शुमार, क्या क...
12 Years Ago
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गुबार ए दिल
गुबार ए दिल
भाड़ में जाए चाँदी-सोना, बच्चा चाहे कोई खिलौना. एक तेरी आँखों के आगे, पान...
12 Years Ago
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गुबार ए दिल
यारों गम-ए-हयात का चर्चा किया ना जाए अभी इस अधूरी बात का चर्चा किया ना जाए ...
12 Years Ago
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टूटी हुई चप्पल
एक थे मगन लाल शर्मा जी और एक थी उनकी चप्पल. मगन लाल जी जब मोहल्ले भर के लिए मग्...
14 Years Ago
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परिंदा या दरिंदा
परिंदा या दरिंदा
निर्दोष परिंदा हूँ मैं या कोई दरिंदा हूँ मैं , मुझे अब तक समझ नहीं आया , ...
15 Years Ago
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