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Asheesh Dube's Mrig-Mareechika

This blogs contains hindi poetry by Kumar Asheesh

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  • Updated 17 Years Ago

इक ऐसी नज्‍म

Updated 17 Years Ago

वो एक बार मुझे देख मुस्‍कुराये अगर फिकर नहीं है मेरा दिल ही डूब जायेगा अगर भला बताओ मुझे छेड़कर करे भी क्‍या गुजर न जायेगा मेरी शाम सिर झुका...
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