नया दिन
क्या इन्तजार है तुम्हें उस दिन का जब .. लहू उबलकर आ जायेगा शिराओं से बाहर जब...
12 Years Ago
बहुत दिनों के बाद एक कविता प्रकाशित कर रहा हूँ ,आपकी प्रतिक्रिया कि अपेक्षा है
. बहुत नया पाया तुमको जब छंटा कुहासा और झाँका मैंने आँखों में तुम्हारी क...
12 Years Ago
एहसास
एक लम्बे अरसे के बाद इस ब्लॉग को पुनर्जीवित करने की कोशिश करते हुए एक कविता प...
13 Years Ago
क्षणिका
बस चंद साँसों की मोहलत मिली है मुझे और... और मैं हूँ कि हर सांस में लिए जा रहा ...
14 Years Ago
हमारे देश में जात पात और धर्म के नाम पर पैदा किये जाने वाले उन्माद पर एक कविता
मैं ना जानूं जात पात की परिभाषा मैं ना मानूं धर्म के ये आडम्बर दिल मेरा...
14 Years Ago
बर्क जब भी मेरे आशियाँ .........
बर्क जब भी मेरे आशियाँ पे गिरी है मुझे रोशनी से उसकी नई राह मिली है यहा...
14 Years Ago