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Sanjeev Choubey's Dil Ki Awaz

you will find hindi poems, ghazals on various subject

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  • Updated 12 Years Ago

शाम ढलते ढलते

Updated 13 Years Ago

कल फिर सहर मे होगी, मुलाकात चलते चलते  सूरज कह गया था ये, शाम ढलते ढलते पलकों मे समेटे रखा, मरने नही दिया, ख्वाब सभी सच हो गये आँखों म...
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