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CHIRAG JAIN's GHAZAL

a blog where u may read some ghazals of CHIRAG JAIN

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  • Updated 14 Years Ago

ग़ज़ल

Updated 15 Years Ago

चंद पहरों की जिंदगानी में कितने चेहरे बदल गया सूरज दो घड़ी आँख से ओझल क्या हुआ लोग कहते हैं ढल गया सूरज रात गहराई तो समझ आया सारी दुनिया को छ...
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