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Rahul Raj's Dopers Diary

I have blogged some of my hindi poems

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  • Updated 3 Years Ago

Happy Birthday

Updated 7 Years Ago

साल दर साल  वक़्त चुपके से आकर  अपने हँसिया से  काट जाता है  उम्र का एक और साल;  और पीछे छोड़ जाता है सर-कटा नंगा सा ठूँठ|
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