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Rahul Raj's Dopers Diary

I have blogged some of my hindi poems

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  • Updated 3 Years Ago

प्रेयसी

Updated 6 Years Ago

हर सुबह,  भोर की मृदु रौशनी  जैसे छन के आती है  बादलों से   और फूँक जाती है  अपना नि:स्वार्थ प्रेम फूलों पर, पत्तों पर दरिया और दरीच...
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