Dhiraj Kukreja

Dhiraj Kukreja's The Worth Of Words ...

My weblog serves as a virtual living room for airing my
views on diverse topics. It's meant for people who
understand -the worth of words!

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  • Updated 13 Years Ago

कल ही की बात है ...

Updated 15 Years Ago

कल ही की बात है ...
कल ही की बात है ,  जो तुम हमारे थे ना जाने क्या हुआ, हम हो गये जुदा दोनो में आ गये, क्यूँ हैं ये फ़ासले खुशियाँ थीं कल मगर, अब हैं शिकवे-गि...
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