Dhruv singh

Dhruv Singh's Eklavya

Poems,in,Hindi,related,to,human,feelings

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  • Updated 4 Years Ago

मैं हूँ अधर्मी !

Updated 6 Years Ago

मैं हूँ अधर्मी !
  मैं हूँ अधर्मी !  तैरती हैं झील में  वे ख़्वाब जो धूमिल हुए।  कुछ हुए थे रक्तरंजित  सड़कों पर बिखरे पड़े।  चाहता धारण करूँ  शस्त्र ...
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