Dhruv singh

Dhruv Singh's Eklavya

Poems,in,Hindi,related,to,human,feelings

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  • Updated 4 Years Ago

उड़ जा रे ! मन दूर कहीं

Updated 5 Years Ago

उड़ जा रे ! मन दूर कहीं
उड़ जा रे ! मन दूर कहीं  जहाँ न हों,धर्म की बेड़ियाँ  स्वास्तिक धर्म ही मानव कड़ियाँ  बना बसेरा ! रैन वहीं  उड़ जा रे ! मन दूर क...
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