Dhwani.J

Dhwani.J's Dhwani Writes

poems scribbled out of tranquility (..in hindi and english)

  • Rated2.7/ 5
  • Updated 7 Years Ago

अस्तित्व

Updated 9 Years Ago

धन्य हूँ पाके यह नसीब के मिले हैं यूँ शुभचिन्तक करीब | न हूँ मैं ज़रा भी गरीब के रिश्तों से भरपूर है अमूल्य नसीब | सोचती हूँ मगर के है ...
Read More