माँ तू कहाँ हैं...?
जानते हो, जब किरणों की बौछार देह की स्थूल सम्भावनाओं को जाग्रृत कर रही थी उ...
8 Years Ago
चार कौए उर्फ़ चार हौए
बहुत नहीं थे सिर्फ़ चार कौए थे काले उन्होंने यह तय किया कि सारे उड़ने वाले उ...
9 Years Ago
Broken Eyes 1
गहरे आकाश पर चलकर फिसल गया हूँ कई बार, उदास नम आँखों से टपक गया हूँ कई बार, ...
13 Years Ago
नया साल मुबारक!!!!
कुछ छूट रहा है मुझसे गहराते दरियाओं का शहर, आज आ गया है मुझसे मिलने और नया आरं...
13 Years Ago
दीपावली की शुभकामनाएं !!!
Divyabh Aryan Photography मेरे सभी पुराने व नये मित्रों को "दीपावली" की ढेरों शुभकामनाएं धन...
14 Years Ago
मेरा गीत, मेरी मधुशाला…!!!
"काफी समय बीत गया रुह चुराने में… शायद जीवन और लगे उसे पास लाने में"। इस दौरा...
15 Years Ago