D

Dr Archana Gupta's Its Archana

A blog where I give words to my thoughts in the form of
poems, stories and articles.

  • Rated2.4/ 5
  • Updated 8 Years Ago

मुक्तक (75 )

Updated 9 Years Ago

(223 ) धरा काँपी मिटा घरवार है देखो बहा आँसू रहा संसार है देखो न जाने लोग कितने हैं मरे इसमें पड़ी कुदरत की कैसी मार है देखो (224 ) आँख में आँसू नजर आने लगा है अब हर समय ये दर्द भी भाने लगा है अब हम…
Read More