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Gaurang's Shayad Kuch Naya Sa....

a trap of words , a pond of philosophy, a see of emotions, a
skin of imagination. Its all about this blog

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  • Updated 8 Years Ago

"क्योकि आदमी कभी रोता नहीं"

Updated 8 Years Ago

   खर्च कर दिए हजारो चहरे पर कभी रोया नहीं, कितने ही ख्वाब टूटे पर कभी सोया नहीं, बंद मुट्ठी से फिसल गयी ख्वाईशे,  मैं मुस्कुराता ...
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