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Jhilmil Jhala's Dreams And Reality

Personal blog, trying to use as a platform to learn writing

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  • Updated 5 Years Ago

Tumne roka hi nahi

Updated 7 Years Ago

Tumne Roka Hi Nahi
गर रोकते तो रुक जाती मैं तुमने रोका ही नहीं तुम्हारे लिए सजा रखे थे मैंने रंग भरे गुलशन तुमने झरोखे खोले ही नहीं संदल की महक में लिपटी हुई होठों को गुलाबों से रंग कर तुम्हारे लिए ही तो थी तुमने छू …
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