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अतुल's Lakhnawi

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ब्लॉग - लेख,
विचार और
कटाक्ष...

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  • Updated 4 Years Ago

शीतल बयार

Updated 8 Years Ago

इतराती हवा में एक चुभन तैरने लगी है, कोहरे की परतें भी लालिमा छुपाने लगी हैं, आँगन में जाना और गालों पर गीला सा चुम्बन, भोर का आलिंग...
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