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Laxmi N. Gupta's Kavyakala

Primarily my poems and prose pieces

  • Rated2.4/ 5
  • Updated 3 Months Ago

तकरार

Updated 6 Years Ago

यार से तकरार ऐसी हुई क्या कहूँ दोस्तो बस मज़ा आगया हम झगड़ते रहे, नैन मिलते रहे अदा देख मुझको मज़ा आगया कभी न हो जिस प्यार में तकरार वह प्य...
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