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Madhulika Patel's Meri Syahi Ke Rang

A hindi poetry blog by Madhulika Patel

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  • Updated 2 Years Ago

क्यों बेकार में खामखा की ज़िद

Updated 7 Years Ago

क्यों बेकार में खामखा की ज़िद
कई दिनों से खामखा की ज़िद  वह श्रृंगार अधूरा सा क्यों है  अब क्या और किस बात की जिरह  मेरे पास नहीं है वो ज़ेवर  जो तुम्हे वर्ष...
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