My blog is an expression of me, my identity, my essence.
When I observe and digest life’s myriad experiences, new
patterns and insights emerge. I feel satisfied when I
capture them in my blog.
मैं सब वर्जनाएँ तोड़ना चाहती हूँ, माँ के गर्भ में खत्म नहींं होना चाहती हूँ, ज़हरीले भुजंग से लिपटे तन पर, उन हाथों को तोड़ना चाहती हूँ, पाषण सी पड़ती निगाहें मुझ पर, उन आंखों को फोड़ना चाहती हूँ, …