शाम ।
वक़्त से पहले ही, बुझ जाती है शाम, उन ग़रीबों की, रोज़ी देने वाले अमीर, जब से ख़ुद ...
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बरबादी ।
बिलकुल सही है, मुझ से इश्क न फरमाने का फैसला तेरा, मेरी बरबादी के लिए, तो ब...
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मर्ज़ ।
हर मर्ज़ की, एक ही दवा होती है, पीने वालों के पास, शायद, घुल जाती होगी स...
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वजह ।
प्यार करने की भी, कोई वजह होती है क्या ? प्यार तो अमर, रूह का अटूट हिस्स...
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तजुर्बा ।
ज़िंदगी को ही, तय करने दे उसे क्या चाहिए, फिर, तजुर्बा भी तो, काम आना चाहिए...
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अक्स ।
रूह और तुम, दोनों अक्स हो मेरे, बता किस से, जुदा होने पर मर जाऊँ...! अक्स = प्...
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