Nilesh Mathur

Nilesh Mathur's Aavara Badal

feelings, poems, you can read here.

  • Rated2.3/ 5
  • Updated 2 Years Ago

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बड़े पेट वाले जादूगर
सपने वो भी देखते हैं  जिनकी हथेलियाँ खुरदरी हैं और पीठ पर जिनके छाले हैं, उन...
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आवारा बादल
आवारा बादल हूँ कभी यहॉं तो कभी वहाँ भटकना तो फितरत है मेरी, बस इक छोटी सी चाह...
2 Years Ago
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जिनकी झुकी हुई है रीढ़
  वो बहाते हैं पसीना तुम्हारे लिए, धूप से पका हुआ उनकी देह का रंग हाथो के छाल...
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हथौड़ा और छेनी
हथौड़ा चला, चलता रहा छेनी भी मचलती रही चोट पर चोट माथे से टपकता पसीना, पर वो हाथ...
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आज फिर से
आज फिर से भूख पसरी होगी कुछ आशियानों में और कहीं पकवान बनेंगे, आज फिर से कोई ...
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मज़बूत खुरदरे हाथ
कुछ नाजुक मुलायम हाथ जिन्होंने पहनी है सोने की अंगूठियाँ वो कर रहे हैं राज, ...
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