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Mehek Mehhekk's Mehek

just like to read and write poems,wirte my feelings.

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रोज़ सुबहः

Updated 5 Years Ago

रोज़ सुबहः
रोज़ सुबहःघूमकर आने के बाद ,आंगन की सफाई और रंगोली निकालना बहुत अच्छा लगता है नीले आसमान में लाल नारंगी छटाएँ, कभी तो पंछियों की किलबिल सुनाई देती है. ज़मीन पर गिरी पेड़ की पतियों को साफ़ करते वक़्त ऐसा…
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