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Nalin Tiwari's Thinking And Wondering Walking Down The Road

a collection of my poetry, written over years

  • Rated2.4/ 5
  • Updated 2 Years Ago

Thinking and wondering, walking down the road

Updated 15 Years Ago

दृढ कितना दिखता था जब आकाश पर था धरती पे आया तो पतंग सा कमज़ोर निकला डूब ही जाता अगर, तो न मैं हैरान होता क्यों आखिर नदी के इसी छोर निकला जह...
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